अब जुड़ भी जाएगा तो दरारें रहेंगी
बारिश के मौसम में छत भी टपकेगी
मेरा दिल तेरा घर था जो तूने तोडा
पर अब भी तमाम उम्र तू यहीं रहेगी
------शिवराज------------
Ab jud bhi jaayega to darare rehengi
Baarish ke mausam mein chat bhi tapkegi
Mera dil tera ghar tha jo tune toda
Par ab bhi tamam umr tu yahi rehagi
----Shivraj-------
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