बुधवार, 5 नवंबर 2014

ख़ुशी और दर्द

ख़ुशी और दर्द 
एक साथ मिलकर 
पीछा करते हैं
इंसान का 
जब ख़ुशी साथ चलती है 
दर्द थोडा पीछे हट जाता हैं 
ताकि तेज दौड़ कर वार करे 
बेहद तेज वार 
जब इस वार का दर्द होता है 
तब ख़ुशी आ जाती है पास
हाल पूछने, दर्द कम करने 
दर्द को आँख दिखाती है 
दर्द ओझल हो जाता है 
गर्दन झुका के 
फिर नज़र बचा कर 
दर्द और खुशी दोनों मिलते है 
एक दुसरे को ताली देते हैं 
अट्टाहस उपहास 
आखिर दोनों भाई बहन है 
सगे भाई बहन ।
*****शिवराज******

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