ख़ुशी और दर्द
एक साथ मिलकर
पीछा करते हैं
इंसान का
जब ख़ुशी साथ चलती है
दर्द थोडा पीछे हट जाता हैं
ताकि तेज दौड़ कर वार करे
बेहद तेज वार
जब इस वार का दर्द होता है
तब ख़ुशी आ जाती है पास
हाल पूछने, दर्द कम करने
दर्द को आँख दिखाती है
दर्द ओझल हो जाता है
गर्दन झुका के
फिर नज़र बचा कर
दर्द और खुशी दोनों मिलते है
एक दुसरे को ताली देते हैं
अट्टाहस उपहास
आखिर दोनों भाई बहन है
सगे भाई बहन ।
*****शिवराज******
एक साथ मिलकर
पीछा करते हैं
इंसान का
जब ख़ुशी साथ चलती है
दर्द थोडा पीछे हट जाता हैं
ताकि तेज दौड़ कर वार करे
बेहद तेज वार
जब इस वार का दर्द होता है
तब ख़ुशी आ जाती है पास
हाल पूछने, दर्द कम करने
दर्द को आँख दिखाती है
दर्द ओझल हो जाता है
गर्दन झुका के
फिर नज़र बचा कर
दर्द और खुशी दोनों मिलते है
एक दुसरे को ताली देते हैं
अट्टाहस उपहास
आखिर दोनों भाई बहन है
सगे भाई बहन ।
*****शिवराज******
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