गुरुवार, 24 सितंबर 2015

ज़ख्म रिसते है



ये जो शेर मैं कहता हूँ
टूटे दिल से निकलते है

एक चोट खाई थी कभी
ज़ख्म अभी भी रिसते है
---------------------------
रोज़ तकाज़ा करते है
दुनियां भर के गम मुझसे

ये क़र्ज़ उतरता ही नहीं
जाने कितनी किश्तें है
---------------------------
एक दिन रंग निखर आएगा
कोई हथेली सजाएगा

मेहंदी बन जाने से पहले
पत्ते पत्थर पे पिसते है
----------------------------
शिवराज 

मंगलवार, 15 सितंबर 2015

प्यार और पैसा

गरीब लोग लोगो को सच्चा प्यार करते हैं
अमीर लोगों को लोग सच्चा प्यार करते हैं
ये बात बिलकुल सच है तुम मानो के न मानो
हमारा फ़र्ज़ है हम आप को ख़बरदार करते है
शिवराज

सोमवार, 14 सितंबर 2015

एक कविता :हिन्दी दिवस पर


हर शाम अपनी महफ़िल को आबाद करता हूँ
सिर्फ तन्हाई में ही उसको मैं याद करता हूँ
कोई बीच में आये नहीं पूरा ख्याल रखता हूँ
जब भी अपने दिल से दिल का मैं संवाद करता हूँ

कोई क्या जाने क्यों  मेरा अंतर्मन सुलगता है
कभी आग थी दिल में बस अब अंगार पलता है
के कोई जान पाये ना की रहता कौन इस मन में
अघोरी की तरह मल के ह्रदय पे राख़ रखता हूँ

कहना चाहता नहीं किसी से बात मैं मन की
अब तो लोग भी कहने लगे है मुझको थोडा सनकी
मुझे नहीं है कोई चाह शोहरत की या फिर धन की
मैं चाहूँ दोस्त जो पूरी करें कमी एक दर्पण की

मैं शायर हूँ जो महफ़िल में खुल कर गीत गाता है
न सीखी दुनियादारी और नया चलन न भाता है
न जानूं लोग क्या लिखते है, क्यों लिखते है इंग्लिश में
मैं एक हिन्दोस्तानी हूँ सिर्फ  हिंदी से नाता है

मैं हूँ भारत का बेटा हूँ मेरी पहचान हिन्दी है
कई भाषाएँ है इस देश में,पर मान हिन्दी है
यहाँ कुछ लोग अंग्रेजी परस्त है लेकिन
विदेशो तक में इस देश की ज़बान हिन्दी है
________________________________
मैंने ये गीत कुमार विश्वास से प्रेरणा लेते हुए लिखा है
शिवराज

हिन्दी दिवस पर एक कविता

क्यों हम को हिंदी बोलने में
लाज़ सी आने लगी है 
क्यों नयी पीढ़ी इंग्लिश 
गीत गाने लगी है 
क्यों टूटी फूटी अंग्रेजी में 
बात कर के गोरी इतराने लगी है 
जो इंग्लिश बोल न पाये 
वो गंवार मानी जाने लगी हैं 
क्यों हिन्दी भाषा का आज 
क्षरण हो रहा है 
और हिंगलिश भाषा का 
हर ओर वरण हो रहा है 
चाहे दिल में कुछ भी हो 
आवरण इंग्लिश हो रहा है 
ये कैसी मानसिकता है 
और कैसी गुलामी है 
अंग्रेज जा चुके अपने देश 
पर उनको सलामी है 
बताओ अंग्रेजी ने हम को 
एसा क्या दे दिया 
के हमने इस भाषा को 
इतना मान दे दिया 
हिन्दी ने इस देश को
पाला पोसा और बड़ा किया 
पूरे विश्व को ज्ञान देकर 
अपने पैरो पर खड़ा किया
 वेदों और पुराणों से ही
सीखा है समस्त धरती ने 
है कही रामायण जैसा 
ग्रन्थ कहीं और पृथ्वी पर
क्या अभिज्ञान शाकुन्तलम् जैसा काव्य 
और कहीं मिल पायेगा 
क्या वंदे मातरम् जैसा 
गीत कहीं बन पायेगा 
हमने भी धरती का 
कोना कोना नापा है 
इतनी विस्तृत इतनी समृद्ध 
और नहीं कोई भाषा है 
वो भारत का अध्यात्म चुराकर 
भारत में ही बेच रहे 
ये अंग्रेजी परास्त लोग
अपनी रोटी सेक रहे 
सच कहता हूँ, दिल से कहता हूँ 
बात मेरी मानो तुम 
हिन्दी गर्व हिंदुस्तान का है 
एसा मन में ठानो तुम
हिंदी में पढ़ो लिखो 
हिंदी में विचार करो 
अरे मूर्खो कुछ तो सोचो 
हिंदुस्तानी सा व्यवहार करो ।
आज हिन्दी दिवस है 
तुम्हे कसम है देश की 
रक्षा करो हिंदी की 
और अपने परिवेश की
रक्षा करो हिंदी की 
और अपने परिवेश की
---शिवराज------

बुधवार, 9 सितंबर 2015

मेरा दर्द


किसी को तोड़ नहीं पाता
मैं खुद ही टूट जाता हूँ 
इस लिए लोगों से अक्सर 
बहुत पीछे छूट जाता हूँ 
---शिवराज-----

मंगलवार, 8 सितंबर 2015

दर्द Pain

फिर दर्द के साथ हूँ 
फिर बड़ा उदास हूँ
ए दर्द तू ही बता दे
क्यों तेरे लिए खास हूँ 
---शिवराज

सुकून gratification


चाय की प्याली और कुछ देर बात
करते रहा करो दोस्तों से मुलाकात
सकूँ ढूंढो तो मिलता भी है जहाँ में
लोग परेशां होते रहते है बिन बात
---------------------------
भाई आशीष के साथ शिवराज 

सोमवार, 7 सितंबर 2015

उसकी नींद भी खो जाए her sleep go away


काश मेरी नींद मुझे वापस मिल जाए 
जिसने चुराई है कृपया आकर लौटाए 
या के नींद चुराने वाला कहीं पकड़ा जाए
एसा लूं बदला उसकी नींद भी खो जाए 
---शिवराज------

शनिवार, 5 सितंबर 2015

गुरु और चेला Teacher and Student

शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षको
को मेरा सादर प्रणाम
---------------------
हर कोई 'गुरु' बनना चाहे
किसी का चेला कौन बने
मिले कहाँ से ज्ञान किसी को
बाकी सब जब गौण बने
सोचो समझो और पहचानो
क्या थे हम और कौन बने
इतना भी तुम मत इतराओ
फिर से तुम चेला बन जाओ
फिर जीवन अनमोल बने
----शिवराज------

शिक्षक दिवस Teachers day

सभी गुरुजनों को प्रणाम
----–-----------------------
जीवन में जो आया उस से
कुछ न कुछ तो सीखा है
इसलिए हर एक परिचय
मेरा एक गुरु सरीखा है
---शिवराज----

शुक्रवार, 4 सितंबर 2015

इज़हार expression of emotion

सख्त लहजे में बता दिया है उसे 
इश्क़ में धोख़ा गवारा न करूंगा
लेकिन ये अलग बात है मेरे यारो  
प्यार किसी से दोबारा न करूंगा 
---शिवराज----

बुधवार, 2 सितंबर 2015

गम और ख़ुशी -Love and happiness

ख़्वाब, प्यार, वादा, वफ़ा, के कौन है दुश्मन ।
ये है बेबसी, गरीबी,धोखा, तन्हाई और जुदाई ।
बस नसीब का खेल है और कुछ नहीं प्यारे
किसी को गम मिला तो किसी ने ख़ुशी पाई ।
----शिवराज---