क्यों हम को हिंदी बोलने में
लाज़ सी आने लगी है
क्यों नयी पीढ़ी इंग्लिश
गीत गाने लगी है
क्यों टूटी फूटी अंग्रेजी में
बात कर के गोरी इतराने लगी है
जो इंग्लिश बोल न पाये
वो गंवार मानी जाने लगी हैं
क्यों हिन्दी भाषा का आज
क्षरण हो रहा है
और हिंगलिश भाषा का
हर ओर वरण हो रहा है
चाहे दिल में कुछ भी हो
आवरण इंग्लिश हो रहा है
ये कैसी मानसिकता है
और कैसी गुलामी है
अंग्रेज जा चुके अपने देश
पर उनको सलामी है
बताओ अंग्रेजी ने हम को
एसा क्या दे दिया
के हमने इस भाषा को
इतना मान दे दिया
हिन्दी ने इस देश को
पाला पोसा और बड़ा किया
पूरे विश्व को ज्ञान देकर
अपने पैरो पर खड़ा किया
वेदों और पुराणों से ही
सीखा है समस्त धरती ने
है कही रामायण जैसा
ग्रन्थ कहीं और पृथ्वी पर
क्या अभिज्ञान शाकुन्तलम् जैसा काव्य
और कहीं मिल पायेगा
क्या वंदे मातरम् जैसा
गीत कहीं बन पायेगा
हमने भी धरती का
कोना कोना नापा है
इतनी विस्तृत इतनी समृद्ध
और नहीं कोई भाषा है
वो भारत का अध्यात्म चुराकर
भारत में ही बेच रहे
ये अंग्रेजी परास्त लोग
अपनी रोटी सेक रहे
सच कहता हूँ, दिल से कहता हूँ
बात मेरी मानो तुम
हिन्दी गर्व हिंदुस्तान का है
एसा मन में ठानो तुम
हिंदी में पढ़ो लिखो
हिंदी में विचार करो
अरे मूर्खो कुछ तो सोचो
हिंदुस्तानी सा व्यवहार करो ।
आज हिन्दी दिवस है
तुम्हे कसम है देश की
रक्षा करो हिंदी की
और अपने परिवेश की
रक्षा करो हिंदी की
और अपने परिवेश की
---शिवराज------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें