व्यथा
ज्ञात है सीमाएं मुझे अपनी ।
ज्ञात है सीमाऐं मुझे उसकी ।
मेरी सीमाए छु सकती है
उसकी सीमाओ को ।
उस की सीमाओं की
परिधि के अंदर जाना
मुझे सख्त मना है,
अपनी सीमाएं तोड़ कर ।
बस इंतज़ार कर सकता हूँ
सीमाये टूटने का
या तो मेरी या उसकी ।
मैंने सुना है सीमाएं टूटती हैं ।
~~~~शिवराज~~~~~
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