Meri Kavita Kahania Gazal Sher Nazm aur Anya Rachnae मेरी कविता कहानिया ग़ज़ल शेर नज्म और अन्य रचनाएँ
This blog is a collection of my writings. I write whatever comes in my mind
रविवार, 28 दिसंबर 2014
ख़ामोशी
कुछ कहते कहते खामोश रह गया ।
आँख में रुका हुआ मोती बह गया ।
किसी को जरा सी खबर भी न हुई ।
वो शख्स जाने क्या क्या सह गया ।
____शिवराज______
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें