This blog is a collection of my writings. I write whatever comes in my mind
सोमवार, 6 जुलाई 2015
नींद
क्या पता है आप को इस बात का बड़ा इंतज़ार रहता है मुझे रात का नींद छुपा लेती है हर चिंता हर गम कुछ देर को दर्द कर देती है कम ए नींद तू अब आजा मेरी आँखों में तेरा स्वागतहै बहुत बहुत स्वागतम् शुभरात्री / शब्बा ख़ैर आपका अपना शिवराज
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