This blog is a collection of my writings. I write whatever comes in my mind
शुक्रवार, 3 जुलाई 2015
शुभरात्री
सुबह से अपना कर्त्यव्य निभा रहा हूँ । जिंदगी की चक्की में पिसा जारहा हूँ । शाम ढल चुकी, रात जवां होने को है । मुझको विदा करो मैं सोने जा रहा हूँ । ---शुभरात्री मित्रो--- आप का शिवराज
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