This blog is a collection of my writings. I write whatever comes in my mind
मंगलवार, 14 जुलाई 2015
सवाल
उसने माफ़ कर दिया मुझको कमाल है मगर जुर्म क्या था ये अभी तक सवाल है उसको भी लगावट है ये दिल कहता था मैंने हर बार बताया ये तेरा एक ख्याल है दीवाने को अब फर्क नहीं आगे क्या होगा उसने मुस्कुरा के देखा लिया जिंदगी निहाल है --शिवराज------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें