शुक्रवार, 31 जुलाई 2015

फाँसी

फांसी, बड़ी कड़ी सजा है ।
सभ्य समाज में 
इस तरह की कठोर सजा 
और फिर इस सजा का
फायदा न हो तो क्या मजा 
कहो कौन से अपराध होना
किसी सजा से रुके है 
बात तो सही है 
मगर जिसने भी कही है 
उसका कोई मरा है क्या 
किसी बम धमाके में 
या आतंक की गोली से 
हम नहीं समझ सकते 
की जब किसी की जान
इस तरह जाती है 
तो उसकी माँ को 
कितनी रुलाई आती है 
बाप के कितने आंसू सूखते है 
और कितनी चूड़िया 
उसकी पत्नी टूट जाती है 
इन्होंने कभी सोचा है
उसके बच्चों का क्या होता है 
किस तरह जिंदगी निकलती है ।
उनके पास जानकारी कहाँ
बिन बाप की बच्चियां कैसे पलती है 
फांसी अपराध को शायद न रोक पाये 
मगर इन सब के मन को 
थोड़ी शांति देती है 
जो सबसे जरूरी है 
इस लिए फाँसी की सजा भी
बहुत जरुरी है 
---शिवराज-----

मंगलवार, 28 जुलाई 2015

कलाम साहब को नमन

कलाम लिखे-पढ़े, बोले- सुने, जाते हैं ।
और कुछ कलाम दिल में बस जाते है ।

वो एक कलाम करोड़ों के दिल तारा है ।
गर्दिश में बस गया है अब, मगर हमारा है ।

क्या हिंदू ,क्या मुसलमा,क्या सिक्ख- ईसाई ।
आज किसी की रोके रूकती नहीं रुलाई ।
साबित कर दिया है जाते-जाते भी उन्होंने ।
मानवता ही सबसे पहला धर्म है मेरे भाई ।

वो चला गया तो है इस असीम आसमां में ।
छोड़ गया है अपना सब कुछ इस जहाँ में ।
उस के जाने का दिल में मलाल न रखना ।
जो छोड़ा है पीछे बस उसका ख्याल रखना ।

सलाम सलाम सलाम  
आप को मेरा बारम्बार सलाम 
भारत माँ के सच्चे सपूत 
शिक्षक, वैज्ञानिक, देशभक्त मजबूत 
प्यार मुहब्बत और शांति के दूत 
मेरा शत शत नमन,हज़ारो बार सलाम 
देश के मन में बसे रहोगे हर पल 
ए पी जे अब्दुल कलाम ।
---शिवराज शर्मा ---

श्रद्धांजलि डॉक्‍टर अब्‍दुल कलाम साहब

कल रात हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति माननिय अब्दुल कलाम साहब हमारे बीच नहीं रहे ।बहुत दुःख का विषय है ।
जिस तरह का प्यार जनता उन्हें दे रही है ये अभूतपूर्व है । शायद ही किसी को एसा प्यार कभी मिला हो या आने वाले समय में मिले । क्या देश के नेताओं के लिए ये सबक नहीं है । कुछ लोगो को उनके द्वारा धारण किये पद से जाना जाता है लेकिन कुछ महान व्यक्तिओं के द्वारा जब पद धारण किया जाता है तो पद की गरिमा में नए आयाम जुड़ जाते है और उस पद पर बाद में आने वाले व्यक्तियोँ के लिए मापदंड स्थापित हो जाते है ।कलम साहब ने भारत के राष्ट्रपति पद की गरिमा बढ़ाई और कार्य दक्षता, विनम्रता, सादगी और गरिमामय आचरण को एक नया मक़ाम दिलाया ।
आज हमारे सामने सबसे बड़ी दिक़्क़त यह है की कलम साहब् जैसे लोगो को वो स्थान नहीं मिलपाता जिसके वे हक़दार होते है। हमारा सिस्टम जिसमे नेता, अधिकारी और हम खुद शामिल है सीधे साधे प्रतिभावान लोगों को आगे बढ़ने नहीं देता । आज कलाम साहब के देहत्याग के बाद हमें उनकी कमी निश्चित ही खलेगी । आइये हम कोशिश करें खुद को और इस तंत्र को बदलने  की ताकि देश को और कलाम मिल सकें ।
किसी ने कितना सच लिखा है ....

बहुत मुश्किल है कोई यूं वतन की जान हो जाए, 
तुम्‍हे फैला दिया जाए तो हिन्‍दोस्‍तान हो जाए......

....श्रद्धांजलि डॉक्‍टर अब्‍दुल कलाम साहब ।
------शिवराज ----


बुधवार, 22 जुलाई 2015

दूरियाँ

दिल की तमाम दूरियाँ मिटा दी उसने 
मेरी मुहब्बत इस तरह सजा दी उसने 
पाना उसको अब ज़रूरी है ही नहीं 
दीवानो सी हालात मेरी बना दी उसने 
---शिवराज---

मंगलवार, 14 जुलाई 2015

सवाल


उसने माफ़ कर दिया मुझको कमाल है 
मगर जुर्म क्या था ये अभी तक सवाल है 

उसको भी लगावट है ये दिल कहता था 
मैंने हर बार बताया ये तेरा एक ख्याल है 

दीवाने को अब फर्क नहीं आगे क्या होगा 
उसने मुस्कुरा के देखा लिया जिंदगी निहाल है 

--शिवराज------

बुधवार, 8 जुलाई 2015

सुप्रभात


गुज़र गयी है फिर से एक रात दोस्तों 
क्या आज का दिन देगा साथ दोस्तों 
वक़्त से करने को दो दो हाथ दोस्तों 
मैं तैयार हूँ, कर दो दुआएं साथ दोस्तों 
आप सब को मेरा सुप्रभात दोस्तों 
आप सब को मेरा सुप्रभात दोस्तों 
सुप्रभात 
शिवराज

मंगलवार, 7 जुलाई 2015

अधूरा ख़्वाब

कल का अधूरा ख़्वाब 
बेताब है पूरा होने को ।
दोस्तों सबको शुभरात्री 
मैं जा रहा हूँ सोने को ।

good night मित्रो 
शिवराज 

सोमवार, 6 जुलाई 2015

नींद


क्या पता है आप को इस बात का
बड़ा इंतज़ार रहता है मुझे रात का
नींद छुपा लेती है हर चिंता हर गम
कुछ देर को दर्द कर देती है कम
ए नींद तू अब आजा मेरी आँखों में
तेरा स्वागतहै बहुत बहुत स्वागतम्

शुभरात्री / शब्बा ख़ैर
आपका अपना
शिवराज

शुक्रवार, 3 जुलाई 2015

शुभरात्री


सुबह से अपना कर्त्यव्य निभा रहा हूँ ।
जिंदगी की चक्की में पिसा जारहा हूँ ।
शाम ढल चुकी, रात जवां होने को है ।
मुझको विदा करो मैं सोने जा रहा हूँ ।
---शुभरात्री मित्रो---
आप का शिवराज

बुधवार, 1 जुलाई 2015

happy doctors day

मेरे जीवन में बहुत दुःख आते हैं
कुछ अपनों के है
और कुछ दर्द  पराये ले आते हैं
परायों के दर्द का इलाज़ कर देता हूँ
डॉक्टर हूँ पीड़ा हर देता हूँ
मगर अपने दर्द का दवाई ढूंढ रहा हूँ
पढ़ने में जो उम्र गवाईं ढूंढ रहा हूँ
--शिवराज
HAPPY DOCTORS DAY TO ALL MY DOCTOR FRIENDS, SENIOR,JUNIOR

सुप्रभात


गुजरी है बड़ी लंबी कल की रात दोस्तों 
खैर, सुबह हुई सब को सुप्रभात दोस्तों 
एक नया दिन है अब अपने साथ दोस्तों 
यही उम्मीद है के बदलेंगे हालात दोस्तों 
जानता हूँ के है कठिन हालात दोस्तों 
पर वक़्त बदलता है वक़्त के साथ दोस्तों 
चलो आओ करें दिन से मुलाक़ात दोस्तों
एक बार फिर सबको सुप्रभात दोस्तों 
~~शिवराज~~~
(चित्र--वंदना मिश्रा)