सोमवार, 29 सितंबर 2014

अँधेरा /Darkness

अँधेरा जरा गहरा है
वक़्त अभी ठहरा है
लौट आना मुश्किल हैं
दिल का घाव गहरा है
रौशनी से मिल तो लेता
सूरज पे मगर पहरा है
बड़ी मिन्नत की मैंने
खुदा शायद बहरा है
****-शिवराज

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