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This blog is a collection of my writings. I write whatever comes in my mind
शनिवार, 30 मई 2015
गिरफ़्तारी
इश्क़ में कैसी ये गिरफ़्तारी है
जैसे दिल की कोई लाचारी है
दूर जाने का मौका है फिर भी
हमको क्यों ये जंज़ीर प्यारी है
दिल की बात उसे कहने से पहले
करनी उस के दिल से यारी है
उसे भी थोडा करीब आना चाहिए
क्या हर बात बस मेरी जिम्मेदारी है
---शिवराज--------
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