इतना तो कर दे ए खुदा की मेरे दिन बदले ।
न मैं बदला न वो बदले न मेरे अरमां बदले ।
आता नहीं समझ ये फ़साना कभी मुझको ।
अकेले में मिलते है वो, तो कुछ बदले बदले ।
इतना न इम्तिहान ले के बदल जाएं हम ।
अब के बदले तो मुश्किल है, फिर बदले ।
न जाने क्यों उम्मीद अभी बाकी है आप से ।
कोशिश में मैं भी साथ हूँ कुछ फ़िज़ा बदले ।
|~|~|~शिवराज~|~|~|
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