This blog is a collection of my writings. I write whatever comes in my mind
शुक्रवार, 1 मई 2015
उदासी
यूं ही कभी भी चली आती है मेरे पास उदासी । अपना दोस्त समझकर और मैं उसका दिल नहीं तोड़ पता
और फिर ........ कही ये मुझसे रूठी तो कौन आयेगा मेरे साथ वक़्त बिताने हाँ पसंद है मुझे भी उदासी क्योकि साथ देती है मेरे गम में निस्वार्थ उदासी ---शिवराज
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