This blog is a collection of my writings. I write whatever comes in my mind
मंगलवार, 6 जनवरी 2015
खुदा
खुदा हंसी में मिलता है है मुस्कराहट में मिलता है । कोई अकेला हो तो उसको हर आहट में मिलता है । मिलता नहीं है अक्सर ढूँढने जाओ अगर उसे । वो दिल में रहता है जज्बात की बनावट में मिलता है . ~~~~~शिवराज~~~~~~
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें