जिन्दा हूँ जिंदगी का मकसद ढूंढता हूँ ।
फ़साने तो बनते रहेंगे चर्चे भी होते रहेंगे ।
मैं दीवाना हूँ बेखुदी हो बेखुद ढूंढता हूँ ।
अंजाम एक ही है हर एक आदमी का ।
रहूँ जिन्दा दिलों में कोई सबब ढूंढता हूँ ।
कोई अच्छा सच्चा मनमीत मिल जाए ।
मैं तो बस चीज़े ऐसी गज़ब ढूंढता हूँ ।
~~~शिवराज~~~~
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