This blog is a collection of my writings. I write whatever comes in my mind
शनिवार, 7 फ़रवरी 2015
बाज़ीगरी
हवा में कुछ ऊंचाई पर
सिर्फ एक छड़ी के संतुलन से
रस्सी पे चलने की बाजीगरी
आती है उन बच्चों को ।
जिन कदम स्कूल तक
जा नहीं पाये कभी ।
तालियां बजाओ उनके लिए ।
मगर ये शानदार खेल
कभी ख़त्म हुआ ही नहीं ।
----शिवराज------
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