This blog is a collection of my writings. I write whatever comes in my mind
शनिवार, 14 फ़रवरी 2015
सौदा
वो इश्क़ में भी सौदेबाज़ी लगाना चाहता था । सिर्फ एक नज़र में अपना बनाना चाहता था । मुझको मालूम था दुनियां का चलन पहले से । वो तो मुझको ठग के चले जाना चाहता था । दिल दो तो बात आगे बढ़ाओ मैंने जब कहा । हँस के बोला मैं बस जलवा दिखाना चाहता था । -----शिवराज----
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